- 138वें कोर्स के लिए यह सेरेमनी शनिवार को खड़कवासला स्थित एनडीए के हबीबुल्ला हॉल में पूरी हुई
- 226 सेना, 44 नौसेना और 65 एयरफोर्स कैडेट्स के अलावा 20 विदेशों से आए कैडेट्स ग्रेजुएट हुए
पुणे. अपने बच्चों को पुणे के खड़कवासला की नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) से पास होते देखने का इंतजार कैडेट्स के माता-पिता 3 साल करते हैं। इस बार पेरेंट्स का पासिंग आउट परेड में शामिल होना मुमकिन नहीं हो पाया। कोरोनावायरस के चलते एनडीए की पॉसिंग आउट परेड से जुड़ी कई परंपराओं को बदला गया। इसमें एक ये भी शामिल था कि कैडेट्स के पेरेंट्स परेड में शामिल नहीं हो पाए। आम दिनों में कैडेट्स के पेरेंट्स तीन दिन के लिए एकेडमी में आकर रहते हैं और एकेडमी की ट्रेनिंग देखते हैं।

138वें कोर्स के लिए यह सेरेमनी शनिवार को खड़कवासला स्थित एकेडमी के हबीबुल्ला हॉल में पूरी हुई। बेहद ही सादे ढंग से, इस बार दो गज की दूरी का हर जगह ध्यान जो रखना था। इस बार एकेडमी से 335 कैडेट्स ग्रेजुएट हुए, जिनमें 226 सेना, 44 नौसेना और 65 एयरफोर्स कैडेट्स हैं। इसके अलावा 20 कैडेट्स विदेशों से हैं, जिनमें भूटान, ताजिकिस्तान, मालदीव, वियतनाम, तंजानिया, मॉरीशस, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार, तुर्कमेनिस्तान, फिजी, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया और बांग्लादेश शामिल हैं।

इस बार घर नहीं जा पाएंगे कैडेट्स
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद कैडेट्स टर्म ब्रेक लेकर घर जाते हैं, लेकिन इस बार वो सीधे अपनी-अपनी सर्विस एकेडमी में आगे की पढ़ाई के लिए भेजे जाएंगे। एनडीए में पासिंग आउट परेड की तैयारियां कई महीनों चलती हैं और सालों से चल रही परंपरा के मुताबिक ही ये परेड पूरी होती है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 45 साल पहले एनडीए के 50 वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में भारी बारिश के चलते सभी परंपराएं पूरी नहीं की जा सकीं थीं।